नवरात्र (Navratri) व्रत में कन्या पूजन (Kanya Poojan) का विशेष महत्व (Mahatva) होता है, नवरात्र (Navratri)पूरे नाै दिन मनाया जाता है, कलश स्थापनाकी जाती है और माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है, नवरात्र के आठवें और नवमी के दिन कन्या पूजन (Kanya Poojan) किया जाता है, जिन्हें माता दुर्गा के स्वरूप मानकर पूूजा जाता है, आईये जानते हैंं नवरात्रि में कन्या पूजा का महत्व (Navratri Kanya Pujan ka Mahatva) -

नवरात्रि में कन्या पूजा का महत्व - Navratri Kanya Pujan ka Mahatva
क्या है कन्या पूजा - (What is Kanya Puja)
कन्या पूजन (Kanya Poojan) के बिना नवरात्र व्रतअधूरा माना जाता है। नवरात्र में 2 से लेकर 5 वर्ष तक की नौ नन्ही कन्याओं का पूजन किया जाता है, यह नौ कन्यायें साक्षात माता का स्वरूपमानी जाती हैं। ऐसी माान्यता हैै कि नवरात्र में सच्ची श्रद्धा से नन्हींं कन्याओं का पूजन से माँ दुर्गा भक्तों की समस्त मनोकामनायें पूरी करती हैं -
कन्या पूजन विधि (Kanya Pujan Vidhi)
कन्या पूजन (Kanya Poojan) के लिये 2 से लेकर 5 वर्ष तक की नौ नन्ही कन्याओं को सप्रेम भाव से बुलाना चाहिये, अगर आपको नौ कन्यायें नहीं मिलती हैं तो जिनती कन्यायें उपलब्ध हों उन्हें ही प्रेम भाव पूजना चाहिये। कन्याओं एक साफ कपडा या अासन बिछाकर उनका बैठाना चाहिये, इसके बाद कन्याओं का पैर शुद्ध पानी से धोने चाहिये और साफ कपडें से पौछने चाहिये।
इसके बाद कन्याओं के लिये भोजन पसोसना चाहिये। भोजन में सूजी का हलवा, सूखे काले चने का प्रसाद, खीर पूरी और इच्छानुसार भोजन तैयार करना चाहिये। जब कन्यायें भोजन कर लें तो उनके रोली चावल से टीका करें और चरण छूयें, इसके बाद दक्षिणा देनी चाहिये आजकल लोग दक्षिणा में तरह-तरह के गिफ्ट्स (Gifts) देते हैं।
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