माघ मास (Magha Maas)में पडने वाली कृष्णपक्ष (krishn paksh) की चतुर्थी तिथि (Chaturthi Tithi) को भगवान गणेशजी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को गणेश जी के जन्म दिन के रूप में गणेश जयन्ती (Ganesh Jayanti ) मनाई जाती है गणेश जयन्ती (Ganesh Jayanti) भी मंगल कार्य पूर्ण करने वाले भगवान गणेश जी को समर्पित है गणेश जयन्ती (Ganesh Jayanti) को तिल कुंड चतुर्थी' (Til Kund Maghi Chaturthi) के नाम से भी जाना जाता है - आइये जानते हैगणेश जयन्ती का महत्व Ganesh Jayanti Ka Mahatva
Importance Of Ganesh Jayanti - गणेश जयन्ती का महत्व
माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जयन्ती के रूप में मनायी जाती हैयह पर्व महाराष्ट्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन सिंदूर अथवा पिसी हल्दी से गणेश जी की आकृति या प्रतिमा बनाकर उसकी पूजा की जाती हैगणेश जयंती के दिन पूजा और भोग में तिल से बनी हुई चीजो का बहुत महत्व मन जाता हैऔर खाने में भी तिल का प्रयोग किया जाता है सिंदूर अथवा पिसी हल्दी से बानी हुई मूर्ती को चौथे दिन पानी में विसर्जित किया जाता है गणेश जयंती को अलग अलग नामो से भी जाना जाता है जैसे किसी जगह तिल कुंड चतुर्थी' (Til Kund Maghi Chaturthi) या गणेश जयंती को शरद ऋतु की विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) भी कहा जाता है
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