हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (Chaturdashi Tithi) को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) कहा जाता है संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi)के दिन गणेश जी (Ganesh Ji) के व्रत का विशेष महत्व होता है - आइये जानते है संकष्टी चतुर्थी का महत्व- Importance Of Sankashti Chaturthi
Importance Of Sankashti Chaturthi - संकष्टी चतुर्थी का महत्व
ऐसा माना जाता है कि यदि संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi ) मंगलवार के दिन होती है तो वह बहुत ही फलदायी और शुभ होती है मंगलवार को पड़ने वाली चतुर्थी को अंगारकी संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi)के नाम से जाना जाता है
संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi ) के दिन प्रातः स्नान कर, गणेश जी की मूर्ति (ganesh murti) को स्थापित करना चाहिए भगवान श्री गणेश स्त्रोत, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक स्त्रोत आदि का पाठ करें इसके बाद पूरे विधि-विधान से गणेश जी की पूजा (ganesh puja) और आरती (ganesh aarti) करें।
इस दिन गणेश जी को लड्डूओं का भोग (Laddu Bhog) लगाना चाहिए तथा सिंदूर चढ़ाते हुए लड्डू को प्रसाद (parsad) के रूप में बांट दे तथा 5 ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए शाम को भोजन करे अगर हो सके तो पूरे दिन का व्रत भी रख सकते है । विनायक (vinayak) भगवान श्री गणेश का ही नाम है। गणेश जी की आराधना से व्यक्ति की सम्पूर्ण इच्छाएं पूरी हो जाती है तथा उसे बल- बुद्धि, ऋद्धि-सिद्ध, सुख-शांति आदि की प्राप्ति होती हैं।
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