फाल्गुन मास (Falgun Maas) में शुक्ल पक्ष ( Shukla Paksha ) की द्वितीया तिथि ( Dwitiya Tithi ) को फुलैरा दूज (Phulera Dooj) का पर्व मनाया जाता है, फुलैरा दूज (Phulera Dooj) को फुलैरा दौज के नाम से भी जानते हैं खासतौर पर यह पर्व मथुरा वंद्रावन में होली से पहले मनाया जाता है फुलैरा दौज को फूलों का त्योहार भी कहते हैं आईये जानते हैं फुलैरा दूज का महत्व - Phulera Dooj Ka Mahatva -
फुलैरा दूज का महत्व -Phulera Dooj Ka Mahatva
फुलैरा दूज (Phulera Dooj) फाल्गुन मास (Falgun Maas) का सबसे पावन दिन माना जाता है, फुलैरा दूज (Phulera Dooj) बसंत पंचमी (Vasant Panchami)के बाद और होली (Holi) से पहले मनाया जाता है, फुलैरा दौज को फूलों का त्योहार इसलिये कहते हैैं कि बसंत पंचमी (Vasant Panchami)के बाद से पेड़ पौधों पर रंग बिरंगे फूल खिलते हैं जिनसे भगवान श्रीकृष्ण और राधा का श्रृंगार किया जाता है
ऐसी मान्यता है कि फुलैरा दूज (Phulera Dooj) के दिन कोई भी शुभ कार्य किया जाता सकता है यह दिन सभी दोषाें से मुक्त होता है, इसलिये फुलैरा दूज वर्ष का 'अबूझ मुहूर्त'भी कहते हैंं, फुलैरा दूज (Phulera Dooj) के दिन कृष्ण मंदिरों में भगवान का श्रृंगार फूलों से किया जाता है, उन्हें अबीर और गुलाल चढाया जाता है, कई स्थानों पर लोग फुलेरा दूज के दिन से ही होली के रंगों की शुरुआत कर देते हैं,
वैवाहिक जीवन के लिये फुलैरा दूज (Phulera Dooj) का दिन सबसे शुभ माना जाता है, बहुत से लोग अपनी विवाह के लिये भी फुलैरा दूज (Phulera Dooj) के दिन का चयन करते हैंं ऐसी मान्यता है कि इस फुलैरा दूज (Phulera Dooj) की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर हो जाती है
फुलेरा दूज (Phulera Doj ) कब है ?
वर्ष 2017 में फुलेरा दूज (Phulera Doj) 28th फरवरी (मंगलवार) को है
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