वर्ष में दाे बार नवराञि आते हैं और नवराञि के समय मौसम का परिवर्तन का समय होता है, मौसम बदलने के कारण शरीर में पित्त बढ़ जाता है, जिसके नाश के लिए फल अथवा तरल पदार्थ लेना काफी अच्छा माना जाता है। नवराञि में नौ दिन व्रत रखने से शरीर की विकृतियां दूर हो जाती हैं। इस समय हमारे पर्यावरण में वायरस भी अधिक होते हैं, जिसके लिए नवराञि के दिनों जो हवन और महायज्ञ किए जाते हैं, उससे सभी जाते हैं और
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