भाद्रपद महीने (Bhadon Month) की कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की एकादशी तिथि (Ekadashi Tithi) को अजा एकादशी (Aja Ekadashi) कहते हैं, हिंंदु धर्म में इसे भीष्म एकादशी (Bhishma Ekadasi) भी कहते हैंं तो आईये जानते हैं जया, अजा एकादशी का महत्व (Aja, Jaya Ekadashi Ka Mahatva)

अजा एकादशी का महत्व - Aja Ekadashi Ka Mahatva
हिंदू पंचांग (Hindu calendar) में प्रत्येक माह एकादशी व्रत (Ekadasi vrat) रखने का विधान है, इस प्रकार प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं, इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के निमित्त व्रत किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि अजा एकादशी (Aja Ekadashi) का व्रत रखने से सभी प्रकार के दुुखों से मुक्ति मिलती है इस लोक और परलोक में सहायता करने वाली इस एकादशी व्रत के समान विश्व में दूसरी एकादशी नहीं है। इस दिन रात्रि जागरण तथा व्रत करने का बहुत पुण्य माना जाता है।
पुराने समय में हरिश्र्चंद्र नाम के एक सत्यवादी राजा थे, परिस्थितिवश उन्होनें उसने अपनी पत्नी और पुत्र को बेच डाला. वह स्वयं एक चंडाल का सेवक बन गये, लेकिन उन्होंने सत्य का साथ कभी नहीं छोडा, एक दिन गौतम् ऋषि के कहने पर राजा हरिश्र्चंद्र ने विधिपूर्वक अजा एकादशी (Aja Ekadashi) का व्रत किया और रात्रि जागरण किया ऐसा करने से राजा के समस्त पाप नष्ट हो गए और उसके पुत्र और स्त्री वापस मिल गए और राज्य भी मिल गया।
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