वैभव लक्ष्मी व्रत ( Vaibhav Laxmi Vrat ) शुक्रवार के दिन रखा जाने वाला व्रत है, इस दिन समस्त प्रकार के वैभव ( धन, सम्पदा, शान्ति और समृद्धि ) प्राप्त करने के लिये धन की देवी लक्ष्मी ( Devi Lakshmi ) की आराधना की जाती है, इसलिये इसे वैभव लक्ष्मी व्रत ( Vaibhav Laxmi Vrat ) कहते हैं, आईये जानते हैं वैभव लक्ष्मी व्रत का महत्व - Vaibhav Laxmi Vrat Ka Mahatva

वैभव लक्ष्मी व्रत का महत्व -Vaibhav Laxmi Vrat Ka Mahatva
वैभव लक्ष्मी व्रत ( Vaibhav Laxmi Vrat ) शुक्रवार के दिन रखा जाता है, ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती है, इस व्रत को पुरूष, महिला कोई भी रख सकता है। यह व्रत मनोकामना के अनुसार रखा जाता है यानि व्रत शुरू करने सेे पहले आपको मन्नत मॉगी जाती है कि यह व्रत आप अपनी श्रद्धानुसार 11, 21 या 51 शुक्रवार तक रखेगें। विधि पूर्वक व्रत रखने से माता लक्ष्मी सभी मनोकामनायें पूर्ण करती हैंं।
वैभव लक्ष्मी व्रत विधि - Vaibhav Laxmi Vrat Vidhi
शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रखा जाता है और शाम को स्नान के बाद माता लक्ष्मी ( Mata Laxmi ) की पूजा की जाती हैै, इस व्रत में वैभव लक्ष्मी जी के सभी स्वरूपों 1- आदि लक्ष्मी या महालक्ष्मी, 2- धन लक्ष्मी, 3- धन्य लक्ष्मी, 4- गज लक्ष्मी, 5- संतान लक्ष्मी, 6 - वीर लक्ष्मी, 7 -विजय लक्ष्मी, 8-ऐश्वर्य लक्ष्मी की पूजा की जाती है, इसके उपरांत श्री यंञ (Sri Yantra) की पूजा की जाती है, इस पूजा में माता लक्ष्मी को लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें औरखीरका भोग लगाया जाता है और व्रत पूर्ण होने के बाद अपनी श्रद्धानुसार फलाहार या भोजन किया जाता है। यह व्रत केवल एक स्थान पर किया जाता है यानि अगर आप अपने घर से बाहर गये है तो आप यह व्रत उस शुक्रवार को छोडकर अगले शुक्रवार को अपने घर पर ही करें।
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