छठ पूजा (Chhath Puja) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को बनाये जाने वाला एक हिन्दू त्यौहार है छठ पूजा (Chhath Puja) को छठ पर्व (Chhath Parv) या कार्तिकी छठ (Kartik Chhath) भी कहा जाता है। छठ पूजा (Chhath Puja) के दिन भगवान सूर्य की उपासना की जाती है, आईये जानते हैं छठ पूजा का महत्व (Chhath Puja Ka Mahatva) -

छठ पूजा का महत्व - Chhath Puja Ka Mahatva
यह पर्व मुख्यरूप से बिहार, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है, छठ पर्व (Chhath Parv) के संंबंध में कई छठ का पौराणिक महत्व और मान्यताएँ प्रचलित हैंं। यह पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में। चैत्र शुक्लपक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ पर्व को चैती छठ व कार्तिक शुक्लपक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है।
छठ पूजा का पर्व चार दिन तक मनाया जाता है, जो चतुर्थी से प्रारंभ होता है और सप्तमी को समाप्त होता हैै, छठ व्रत तीन तक यानि लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं, जिसे निर्जला रखा जाता है, इसमें पानी भी ग्रहण नहीं किया जाता है, यह व्रत को पुरुष एवं स्त्री एक सामान रूप से रखते हैं। छठ पूजा के दिन माता छठी की पूजा की जाती हैं और भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
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