नवरात्री (Navaratri)एक हिन्दुओं का पावन पर्व है, यह पर्व नौ दिनों तक चलता है नवरात्री (Navaratri) में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है नवरात्रि के पांचवे दिन माँ स्कंदमाता (Maa Skandmata) की पूजा अर्चना की जाती है माँ स्कंदमाता (Maa Skandmata) का यह स्वरूप बेहद सुन्दर और कल्याणकारी है तो आईये जानते हैं नवरात्रि का पांचवा दिन - (Navratri Ka Pachva Din)
नवरात्रि का पांचवा दिन About The Fifth Day Of Navaratri
नवरात्रि का पांचवा दिन माँ स्कंदमाता (Maa Skandmata) का दिन है माँ स्कंदमाता (Maa Skandmata) का रूप बहुत ही मनमोहक है माँ स्कंदमाता (Maa Skandmata) श्री दुर्गा का पंचम रूप हैं, भगवान कार्तिकेय (Kartikeya) जिनका एक नाम स्कन्द (Skanda) भी है की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पडा, इनका वाहन सिंह है।
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया |
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ||
माँ स्कंदमाता (Maa Skandmata) की चार भुजायें हैं, ये दाहिनी ऊपरी भुजा में भगवान स्कन्द को गोद में पकडे हैं और दाहिनी निचली भुजा जो ऊपर को उठी है, उसमें कमल पकडा हुआ है। माँ का वर्ण पूर्णतः शुभ्र है और कमल के पुष्प पर विराजित रहती हैं। इसी से इन्हें पद्मासना की देवी और विद्यावाहिनी दुर्गा देवी भी कहा जाता है।
माँ स्कंदमाता की उपासना से भक्त की समस्त इच्छाएँ पूर्ण हो जाती हैं। इस मृत्युलोक में ही उसे परम शांति और सुख का अनुभव होने लगता है। उसके लिए मोक्ष का द्वार स्वमेव सुलभ हो जाता है। स्कंदमाता की उपासना से बालरूप स्कंद भगवान कार्तिकेय (Kartikeya) की उपासना भी स्वमेव हो जाती है।
Tag - Worship Maa Skandamata On The Fifth Day Of Navaratri, skanda mata significance, navratri 5th day puja, fifth day of navratri in hindi, skanda mata story in hindi, skanda mata mantra in hindi, Skanda Mata ki Navratri Upasana