योगिनी एकादशी (Yogini ekadashi) जो निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi)के बाद और देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) से पहले आती है उसे योगिनी एकादशी (Yogini ekadashi) कहा जाता है, इसका बहुत महत्व(mahatva) होता है, आईये जानते हैं Yogini ekadashi Vrat Ka Mahatva - योगिनी एकादशी व्रत का महत्व-

भारतीय पंचांग (bhartiya panchang) के अनुसार आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष (krishna paksha) के दौरान योगिनी एकादशी पड़ती है इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ (peepal ka ped) की पूजा (pooja) भी की जाती है
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योगिनी एकादशी (Yogini ekadashi) का व्रत करने से सारे पाप मिट जाते हैं एकादशी का व्रत (ekadashi Vrat) करने से स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है यह माना जाता है कि योगिनी एकादशी का व्रत (Yogini ekadashi Vrat) करना 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर होता है जीवन में समृद्धि और आनंद की प्राप्ति होती है योगिनी एकादशी तीनों लोकों में प्रसिद्ध है इस दिन भी विष्णु भगवान (Lord Vishnu) की पूजा अर्चना की जाती है इस दिन भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने धूप, दीप व फूलों की माला चढ़ाकर कर भोग लगाकर पूजन करना चाहिये इस दिन ब्राह्मणों को दान देकर भोजन कराना चाहिएYogini Ekadashi Importance, Puja Vidhi, Vrat Benefits, yogini ekadashi in hindi, yogini ekadashi vrat katha hindi, yogini ekadashi story, yogini ekadasi meaning, ekadashi parana time,Yogini Ekadashi Vrat, Benefits and Rituals