हिंदू धर्म में विवाह पंचमी (Vivah Panchami) बहुत महत्व होता है। विवाह पंचमी (Vivah Panchami) का पर्व मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। विवाह पंचमी (Vivah Panchami) को विहार पंचमी (Vihar Panchami) के नाम सेे जाना जाता है- आईये जानते हैं विवाह पंचमी तथा विहार पंचमी का महत्व - Vivah Panchami aur Vihar Panchami ka Mahatva -

विवाह पंचमी तथा विहार पंचमी का महत्व - Vivah Panchami aur Vihar Panchami ka Mahatva
हिंदू धर्म केे पविञ ग्रंथ रामायण के अनुसार त्रेता युग में भगवान राम और सीता का विवाह मार्गशीर्ष माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था, चूकिं भारतीय संस्कृति में राम-सीता आदर्श दम्पत्ति माने गए हैं , इसलिये इस दिन को विवाह पंचमी (Vivah Panchami) के पर्व के रूप में मनाया जाता है। विवाह पंचमी (Vivah Panchami) को अनेक जगह धार्मिक आयोजन किये जाते हैंं। कई स्थानों पर राम और सीता का विवाह का मंचन, सीता स्वयंवर का अायोजन किया जाता है और राम सीता विवाह गीत गाये जाते हैं।
विवाह पंचमी (Vivah Panchami) को विहार पंचमी (Vihar Panchami) के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन धार्मिक नगरी वृन्दावन में निधिवन में भगवान श्री बांकेबिहारी प्रकट हुए थे और प्रतिदिन निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा आज भी अर्द्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं। विहार पंचमी का महत्त्व जन्माष्टमी के समान ही है। जिस स्थान पर बांकेबिहारी प्रकट हुए थे उस स्थान पर विहार पंचमी (Vihar Panchami) के दिन दूध से अभिषेक किया जाता है।
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