हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) का बहुत महत्व है. चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) पूर्णिमा के दिन ही पडता है जब चन्द्रमा अपने पूरे रूप में होता है, भारत में चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) को लेकर कई मान्यतायें प्रचलित है, जबकि विज्ञान कहता है कि चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) पूरी तरह खगौलीय घटना है. आइए जानते हैं क्यों होता चन्द्र ग्रहण - Kyun Hota Hai Chandra Grahan
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क्यों होता चन्द्र ग्रहण - Kyun Hota Hai Chandra Grahan
हिंदु धर्म के अनुसार चंद्र ग्रहण के बारे मेें कथा है, जिसमें उल्लेख है कि समुद्र मंथन के समय देव और दानवों में अम्रत पान का लेकर विवाद हो गया, विवाद का सुलझाने के लिये मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया, जब भगवान विष्णु ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग बिठा दिया, लेकिन एक असुर छल से देवताआेंं की लाइन में आ बैठा और अमृत पी लिया, देवताओं की लाइन में बैठे चन्द्रमा और सूर्य ने राहू का ऐसा करते हुए देख लिया उन्होने विष्णु भगवान को बता दिया, विष्णु भगवान ने तुरंत ही अपने सुदर्शन से राहू का सर काट दिया, लेकिन राहू के अम्रत पान करने के कारण राहू मरा नही, उसके सर वाला भाग राहू और धड केतूू के नाम से जाना गया, राहू और केतु इसी कारण से सूर्य और चन्द्रमा से बैर मानते हैं और पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा को ग्रस लेते हैं और इसी वजह से चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) होता है
वैज्ञानिकोें के अनुसार पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चॉद पृथ्वी की और इसी परिक्रमण काल में जब सूर्य और चॉद के बीच में पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी से चॉद का पूरा या कुछ छुप जाता है तो इस घटना को चंंद्र ग्रहण कहा जाता है चंद्र ग्रहण की यह घटना हमेशा पूर्णिमा के दिन ही होता है
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