चैत्र मास (Chaitra Maas) की पूर्णिमा (Purnima) को हनुमान जयन्ती (Hanuman Jayanti ) मनायी जाती है ऐसा माना जाता है की चैत्र मास की पूर्णिमा को राम भक्त हनुमान ने माता अंजनी के गर्भ से जन्म लिया था इसलिये हनुमान जी का जन्म दिवस हनुमान जयन्ती (Hanuman Jayanti) के रूप में मनाया जाता है हनुमान जयन्ती (Hanuman Jayanti ) के दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है तो आइये जानते है - हनुमान जयन्ती का महत्त्व - Importance Of Hanuman Jayanti
हनुमान जयन्ती का महत्त्व - Importance Of Hanuman Jayanti
हनुमान के पिता सुमेरू पर्वत के वानरराज राजा केसरी थे तथा माता अंजना थी भगवान हनुमान को कई नामों से पुकारा जाता है जैसे हनुमान आञ्जनेय, मारुति, बजरंग बली, अंजनि सुत, पवनपुत्र, संकटमोचन, केसरीनन्दन, महावीर, कपीश, बालाजी महाराज आदि ऐसा कहा जाता है कि श्री हनुमान जी का मंत्र का पाठ और मंत्र जाप करना हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिये हनुमान चालीसा का पाठ करना भी शुभ रहता है. हनुमान जयन्ती (Hanuman Jayanti ) के दिन हनुमान जी , सिंदुर का चोला, लाल वस्त्र, ध्वजा आदि चढाते है. केशर मिला हुआ चंदन, फूलों में कनेर के फूल, धूप, अगरबती, शुद्ध घी का दीपक जलाते है पेडों का भोग और बूँदी के लड्डुओं का भोग लगते है श्री हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते है. इसके अलावा चूरमे का भोग भी हनुमान जी को अधिक प्रिय है इस दिन हनुमान जी की आरती कपूर से की जाती है
मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ ।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये ।
कुछ लोग हनुमान जयन्ती की तिथि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी मानते हैं तो कुछ लोग चैत्र शुक्ल पूर्णिमा, पहला जन्मदिवस है और दूसरा विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है
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